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Akhand Jyoti
Year 2011
Version 1
उत्कर्ष हेतु अनिवार्य...
उत्कर्ष हेतु अनिवार्य गायत्री साधना
February 2011
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Page Titles
वासंती रंग व उमंग
एक दैवी अभियान की कथा-गाथा
हम उनके अंग -अवयव
गुरूसत्ता से साक्षात्कार, आध्यात्मिक परिणय
तीन देवता, तीन संरक्षक
दशम अवतार और इतिहास की पुनरावृति
मिशन का घोषणा पत्र: युग निर्माण सत्संकल्प
गायत्री तीर्थ एक कलपवृक्ष
सूक्ष्मीकरण की वासंती वेला
ये पल ही नहीं, स्वर भी क्रांति के हैं
इक्कीसवीं सदी ला रही है उज्जवल भविष्य
युग की माँग: प्रतिभा- परिष्कार
सतयुग की वापसी
परिवर्तन के महान क्षण
जीवन -साधना के स्वर्णिम सूत्र
विशिष्टों - वरिष्टों- प्रतिभाओं को आमंत्रण
प्रज्ञावतार का अनंत गुना विस्तार
महाकाल कर रहा है नवसृजन
समस्याएँ अनेक समाधान एक
मन:स्थिति बनाती है अभिष्ट वातावरण
प्रखर- प्रज्ञा लाएगी नया जमाना
उत्कर्ष हेतु अनिवार्य गायत्री साधना
कैसे होगा विद्या-विस्तार?
जीवन जीने की कला है संजीवनी विद्या
इक्कीसवीं सदी होगी नारी सदी
जीवन एक प्रत्यक्ष देवता
समयदान महादान
परमपूज्य गुरुदेव की अपने अंग अवयवों से अपेक्षा
वासंती हूक , उमंग और उल्लास यदि आ जाए जीवन में
जन्म शताब्दी के वसंत की हमसे अपेक्षाएँ
वासंती गुरु के अनुदान
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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