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Akhand Jyoti
Year 1981
Version 1
गायत्री महाशक्ति का...
गायत्री महाशक्ति का तत्वज्ञान
July 1981
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Page Titles
करूणा में भगवान
हृदय परिवर्तन
मुक्ति और ईश्वर प्राप्ति पृथक नहीं एक हैं
मानवोत्कर्ष का मूल मन्त्र जिज्ञासा
'सर्व खिल्विदं ब्रह्म' को विज्ञान की मान्यता
धर्म धारणा हर दृष्टि से उपयोगी
प्रेम ही परमेश्वर है
स्नेह और सहानुभूति आत्मा की भूख प्यास
प्रत्यक्ष ही सब कुछ नहीं है
विग्रह की सहयोग और सहकार में परिणति
अहिंसा वीरों का भूषण
सत्य को खोजना हो तो दुराग्रह छोड़ें
आँखें कुछ भी देखती हों, मन कुछ भी करता हो तथ्य कुछ और ही है
अन्तराल में प्रतिष्ठत -प्रतिभा क्षेत्र
आत्म-परिष्कार का राजपथ-स्वप्न लोक
पक्षी जिन्हें पुरुषार्थ के बिना चैन नहीं
कुण्डलिनों दिव्य स्तर की प्रचण्ड सामर्थ्य
मानवी काया कितनी अद्भुत्, कितनी सशक्त
गायत्री महाशक्ति का तत्वज्ञान
अपनों से अपनी बात
तीर्थ चेतना को पुनर्जिवित करने की आवश्यकता
शान्तिकुंज गायत्री नगर बनाम गायत्री तीर्थ
गायत्री तीर्थ का स्वरूप और कार्यक्रम
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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