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Akhand Jyoti
Year 1978
Version 1
दिलदार पत्थर और...
दिलदार पत्थर और संगीतकार रेत
December 1978
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अखण्ड जयोति के प्रेमी पाठकों से विशेष अनुरोध
भूत न बनें रहें- देवत्व की ओर बढ़ें
यह सच या वह सच
कुछ है जो इन्दि्रय चेतना से परे है
जीवन की पहेलियाँ और विचित्रताएँ
चेतना की निस्सीमता को समझों और साधें
आम न स्त्री हे न पुरुष
श्रद्धा सत्यमाप्यते
मन एव मनुष्याणां कारणं बन्ध मोक्ष्यो
अमृतपान से वंचित
चाहें जो बन जाएँ, इतनी भर ही छुट है
प्रार्थाना का अर्थ माँगना नहीं है
प्रार्थना के सही स्वरूप से अभीष्ट-प्राप्ति
प्रकृति उपभाग्य ही नहीं उपास्य भी
पेड़ तो चल पड़े पर मनुष्य बैठा है
वानप्रस्थ नवयुग का प्रमुख आधार
क्षुद्र प्राणियों का विशाल अंतःकरण
प्रतिगृह का दान
प्रेम और करुणा का चुम्बकीय आकर्षण
दिलदार पत्थर और संगीतकार रेत
चिरयौवन का रहस्य
संकलप शक्ति का उपार्जनउपयोग
मृतयु अर्थात् जीवन का अन्त नहीं
शक्तियों का क्षरण रोका जाय
अकेलेपन को पहचानिये
युग क्रांति में गायत्री यज्ञों की भूमिका
कर्म यज्ञ से सिद्धि
भावना क्षोभ से मुक्ति अर्थात् रोग से छुट्टी
अपनों से अपनी बात-अध्यात्म और विज्ञान के समन्वय का समग्र अनुसंधान
अनुदान (कविता) -राजेन्द्र कुमार पाण्डेय
अनुदान
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
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यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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