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Akhand Jyoti
Year 1975
Version 1
लम्बे समय तक...
लम्बे समय तक जवान रहा जा सकता है
July 1975
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Page Titles
शरीर का करुणादर उपयोग
ब्रह्माण्ड तक चैतन्य शरीर
गहरे उतरें चमत्कारी अद्भुत का दर्शन करें
मानवी एकता के लिए प्रयतनशील रहने में ही हमारा कल्याण है
पृथ्वी और सूर्य, आत्मा और परमात्मा आदर्श पति-पतनी
आकृतियों और साधनों का रहस्य
व्यक्ति का समाज के प्रति दायित्व
दूरदशता एवं परमार्थ परायणता की बुद्धिमानी
दुर्बल मनःस्थिति पर पड़ने वाले आघ्ाात और उनकी प्रतिक्रिया
जीवन साधना के तीन सूत्र
लम्बे समय तक जवान रहा जा सकता है
क्या अगली शताब्दी में हमें प्यासे मरना पड़ेगा
अस्त व्यस्त और असबद्ध विचार करने की मानसिक बर्बादी
सूर्य-चन्द्र ग्रहण और उनमें सन्निहित तथ्य
सूर्य-चन्द्र ग्रहण और उनमें सन्निहित तथ्य
अतीन्दि्रय शक्ति के विकास के प्राचीन और नवीन प्रयोग
सद्विचारों पर ही समुन्नत जीवन की सम्भावनाएँ आधारित है
प्रोटीन प्राप्ति के लिए मांसाहार आवश्यक नहीं
प्राण जाय पर वचन न जाई
नारी उत्कर्ष के लिए निवारक और विधेयक कार्यक्रमों की आवश्यकता
हृदय रोग एवं रक्त-चाप का कारण और निवारण
अपनों से अपनी बात
कर्म का फल प्रतिफल अकाट्य है
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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