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Akhand Jyoti
Year 1970
Version 1
अपनों से अपनी...
अपनों से अपनी बात- हम राजनीति में भाग क्यों नहीं लेते ?
October 1970
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Page Titles
शक्ति स्रोत की शोध-स्वामी विवेकानन्द
प्यास जो बुझ न सकी
प्रेम का परिष्कार-पेड़ पौधो से भी प्यार
पदार्थ के पृथक आत्म चेतना का अभितत्त्व
वेद और विज्ञान- ब्रह्माण्ड विकास का तुलनात्मक अनुसंधान
इष्ट की उपासना का मर्म
हमारी प्रगती उत्कृष्टता की दिश में हो
वह प्रकाश क्या सूक्ष्म शरीर था
कर्मफल हाथों हाथ
अद्भुत प्रकृति के अद्भुत रहस्य
क्रोधात जयेत अक्रोधेन
दान का लक्ष्य वंश नहीं आत्मसंतोष हो
अण्डा खाइये और लकवा बुलाइये
शारीरिक शक्ति से वृहत्तर- इच्छा शक्ति
हँसिये जी खोलकर- स्वस्थ रहिये जीवन भर
घुआँ एक मारता है और एक जिन्दगी देता है
अहंकार के सर्पदंश से सदा बचे रहिये
सत्यमेव जयते
जन्म से मृत्यु तक अविराम- काम ही काम
भौतिकता की बाढ़ मारकर छोड़ेगी
धर्म व विज्ञान में सामञ्जस्य अनिवार्य
भारतीय संस्कृति का मर्म और स्वरूप
विधवा नास्ति अमंगलम्
अपनों से अपनी बात- हम राजनीति में भाग क्यों नहीं लेते ?
ज्ञन यज्ञ करना है (कविता) -बाबूलाल जैन
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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