Loading...
All World
Gayatri Pariwar
Get App
Books
Magazine
Language
English
Hindi
Gujrati
Kannada
Malayalam
Marathi
Telugu
Tamil
Stories
Collections
Articles
Open Pages (Folders)
Kavita
Quotations
Visheshank
Quick Links
Book Catalog
Whats New
Downloads
Write to Us
Login
Akhand Jyoti
Year 1970
Version 1
अमैथुनी सृष्टि भी...
अमैथुनी सृष्टि भी होती है- हो सकती है
August 1970
Read Text Version
<<
|
<
|
|
>
|
>>
<<
|
<
|
|
>
|
>>
Write Your Comments Here:
Page Titles
जीवन की त्रिधारा-बरटेण्ड रसेल
जिन खोजा तिन पाइयाँ गहरे पानी पैठ
प्रेम- भक्ति का विकास और विस्तार
एकोऽहं बहुस्याम की पृष्ठभूमि
भारतीय दर्शन का विस्तार व वैज्ञानिक विश्लेषण
कर्मयोगी-अनासक्ति
धर्मविहीन विज्ञान नितान्त अपूर्ण
जो ब्रह्माण्ड है वही पिण्ड में है
मना का जन्म कु. शुजला के रूप में
पृथ्वी कल बनी मनुष्य कब बना
प्रलय की मान्यताएँ कल्पित नहीं
विद्या ही सफलता का मूल आधार है
संगीत एक हृदयस्पर्शी शक्ति
एक शरीर यहाँ- वहाँ भी
बच्चों को दण्ड नहीं दिशाएँ दें
अमैथुनी सृष्टि भी होती है- हो सकती है
हमारी इच्छा शक्ति प्रबल एवं प्रखर
बम विस्फोट कितने घातक
नमक शरीर के लिए आवश्यक नहीं
योग- पूर्व परिचय व प्रारम्भिक तैयारी
विद्रूप और उसकी साधना दृष्टि
सृष्टि का सौन्दर्य ऐसे नष्ट न करें
जीवों की सात अवस्थायें और उसका विज्ञान
यह विशाल धनराशि निर्धनता पाट सकती है
अपनों से अपनी बात-अपना परिवार और उसका भावी संगठन
सत्य-दर्शन (कविता) -गौरीशंकर द्विवेदी
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
See More