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Akhand Jyoti
Year 1996
Version 1
नववर्ष की प्रभात...
नववर्ष की प्रभात वेला में करें एक अभिनव संकल्प
January 1996
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Page Titles
वास्तविक अध्यात्म क्या?
नववर्ष की प्रभात वेला में करें एक अभिनव संकल्प
चेतना जगत की चित्र-विचित्र पहेलियाँ
राष्ट्रप्रेम की पराकाष्ठा
जप के साथ पयःपान की ध्यान-धारणा भी
आद्यशक्ति ने बनाया उन्हें ब्रह्मर्षि
जड़ता से मुक्त हों, चेतना से अनुप्राणित हों
सविता के अमृत तत्त्व के सन्दोहन का पुण्य पर्व मकर-सक्रान्ति
स्वप्न जो हमें अचेतन की झाँकी दिखाते हैं
जिनने शास्त्र व शस्त्र का समन्वय स्थापित किया
समष्टि से जुड़े, भविष्य को जानें
यह है आस्तिकता
करें नहीं विश्राम, जुटें लोकमंगल में अविराम
क्या बिना नारी के पुरुष का विकास सम्भव है
जीवन संजीवनी है इच्छाशक्ति
एक ऐसी मशीन आप बनाकर तो देखिए
अजब तेरी दुनिया, हे मेरे राम!
काल के आयाम में भविष्य की यात्रा
गुरुदीक्षा एवं दक्षिणा का मर्म
सेवाधर्म के मार्ग में बाधाएँ और भटकाव
एक विशेष लेखः- विदाई की घड़ियाँ और गुरुदेव की व्यथा वेदना
परम पूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी (वसन्त पवर् १९८१ में शान्तिकुञ्ज परिसर में दिया गया प्रवचन)
अ. पतझर में वासन्ती वैभव (कविता)-मंगल विजय, ब. हे वसन्त के दूत (कविता)- माया वमार्
समपत भावनाशीलों द्वारा सम्पन्न प्रथम पूणार्हुति आयोजन (समापन किश्त)
वासन्ती उल्लास लिए आया है 'रजत जयंती वर्ष'
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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