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Akhand Jyoti
Year 1949
Version 1
इन्सान और धनवान
इन्सान और धनवान
November 1949
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इन्सान और धनवान
ऎ अज्ञानियो,मझधार मे डूब मरोगे ?
योगी अरविन्द की अमृतवाणी
साधन को ही साध्य न मान बैठिए
ज्ञान और आचार दोनों ही आवश्यक है
प्रेम धर्म से परिपूर्ण जीवन
किस धर्म को स्वीकार करे
गृहस्थाश्रम मे रहकर भगवत् प्राप्ति के साधन
क्रोध करने की अपेक्षा विचार करना ठीक है
घृणा का संक्रामक दूषित प्रभाव
गायत्री का सर्वश्रेष्ठ एवं सर्वसुलभ ध्यान
जीवन - संग्राम मे विजय कैसे मिले ?
कर्तव्य परायणता एक उच्च गौरव है
क्षय रोग और उसकी चिकित्सा
स्वामी विवेकानंद के उपदेश
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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