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Akhand Jyoti
Year 1978
Version 1
जीवन ईश्वर का...
जीवन ईश्वर का स्वरूप एवं वरदान-सन्त टी०एल० बास्वानी
January 1978
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जीवन ईश्वर का स्वरूप एवं वरदान-सन्त टी०एल० बास्वानी
भक्ति का मार्ग और प्रेम योग
बंधन मुक्ति ईश्वर प्राप्ति
मानवी विद्युत इस जगत् की प्रचण्डतम ऊर्जा
बीस अरब पृष्ठों की पुस्तक
अन्तःकरण चतुष्टय और साधना विज्ञान
ध्यान साधना की प्रचण्ड सार्मथ्य
ज्ञान ही नहीं मनुष्य को धर्म भी चाहिए
हँसती हँसाती हल्की-फल्की जिन्दगी
ऊँट के नीचे पहाड़
उधर जाइये मत खतरा है
धर्म अफीम की गोली नहीं है
पारिवारिक जीवन में निष्ठा और भावनाएँ जगी रहें
हम विराट् विश्वात्मा में एक घटक मात्र है
सादगी अपनाएँ शालीनता बरतें
एकांगी प्रगति कानी कुबड़ी लूली
हमारी कमाई में पिछड़ों का भी हिस्सा है
प्रगति का एक मात्र आधार प्रतिभा सहकार
जैसा खाये अन्न वैसा बनें मन
भविष्य वाणियों में सार्थक दिशाबोध
संकटों से छुटकरा विवेक ही दिला सकेगा
अथ श्री माल्थस सिद्धान्त प्रारम्भते
मानसिक रोगों का प्रेमोपचार
महामानव के पक्षधर बनें या अतिमानव के
अपनों से अपनी बात- अंतर्जगत का देवासुर संग्राम-अनिर्णीत ही न चलता रहे
अमृत पुत्र
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
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चो
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