लोक सेवियों को कैसा होना चाहिए, कैसा उनका आचरण होना चाहिए, ताकि वे आदर्श लोकनायक बन सकें, यह परम पूज्य गुरुदेव अपनी लेखनी के माध्यम से अपने जीवन काल में ही गए इस सन्दर्भ में उनके निर्देश अखंड ज्योति के अपनों से अपनी बात स्तम्भ में तथा अलग से लिखे गए आलेखों के रूप में कार्यकर्ताओं के मार्गदर्शनार्थ छपते रहे हैं
परमपूज्य गुरुदेव द्वारा लिखी उस सामग्री को यहाँ पर आत्मीय परिजनों के आग्रहवश पुस्तकाकार में पुनः प्रकाशित किया जा रहा है, ताकि मिशन के परिजन परम पूज्य गुरुदेव के विचारानुकूल अपने जीवन को लोकसेवी के व्यवाहरिक स्वरूप की कसौटियों पर खरे उतारने के लिए, तैयारी कर सकें