ब्राह्मण जागे- साधु चेतें
ब्राह्मण को शारत्रों में 'भू सुर ' कहा गया हैं ।। भूसुर का अर्थ
है पृथ्वी का देवता ।। एक देवता वे होते हैं, जो स्वर्ग में रहते हैं और
अदृश्य रुप से मनुष्यों की सेवा सहायता करते है। उनका कृपा- पात्र
बनने के लिए लोग तरह- तरह के पूजा उपचार करते हैं ताकि देवता
प्रसन्न एवं परितुष्ट रहें और अपने अनुग्रह की वर्षा इस धरती के लोगों
पर करते रहे ।। लगभग ऐसी ही स्थिति भूसुरों की भी हैं, इन पृथ्वी के
देवता, ब्राहाणों की समुचित पूजा हिन्दू समाज में होती हैं ।। उन्हें अन्य
वर्णो से ऊँचा माना जाता है ।। कम आयु के ब्राह्मण को भी बड़ी आयु
के अन्य लोग प्रणाम करते हैं ।। यह इसलिए किया जाता हैं कि अन्तरिक्ष
में रहने वाले अदृश्य देवताओं की तरह यह प्रत्यक्ष दिखाई देने वाले,
भू- लोक वासो ब्राह्मण देवता भी हमारी श्रद्धा, भावना, दान- दक्षिणा
आदि से परितुष्ट होकर हमारे कल्याण का आयोजन करेंगे 1
समाज- पुरुष का शीर्ष -ब्राह्मण
ब्राह्मणों का स्वरुप ही ऐसा हैं ।। शासनों में उनके कर्तव्य ऐसे कठोर बताए गये है जिनका पालन करने वाले को देवता ही कहना पड़ेगा ।। जो ब्राह्मण की कसौटी पर खरा