प्रबुद्ध नारियाँ आगे आए
देश की प्रगति के लिए सुयोग्य नागरिक चाहिए।इन नागरिकों का निर्माण करने वाली माताएँ यदि पद्दलित यही,रुढ़ियों की कीचड़ में फैसी रही,ज्ञान का प्रकाश उन -तक नहीं पहुँचा तो वे किस क्षमता के आवार पर उनका निर्माण कर सकेगीं?समाज के दुसरे पहलू-नारी को अपनी क्षमता का मान कराना तथा उन्हें समय के साथ प्रगति कर सकने योग्य बनाने का भार कोई उठा सकती हैतो वे है शिक्षित महिलाएँ ,ऐसा करके वे अपने वर्ग को तो उठाएँगी हि, साथ ही पूरे समाज और राष्ट्र के उत्कर्ष का भी आधार प्रस्तुत करेंगी।
माता भगवती देवी शर्मा
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