सुखी दाम्पत्य का आधार है- पति-पत्नी का शुद्ध सात्विक प्रेम ।। जब दोनों एक- दूसरे के लिए अपनी स्वार्थ- भावना का परित्याग कर देते हैं तब हृदय परस्पर मिल जाते हैं ।। प्रेम में अहंकार का भाव नहीं होता है ।। त्याग ही त्याग चाहिए ।। जितने गहन तल से समर्पण की भावना होगी उतना ही प्रगाढ़ प्रेम होगा ।।