गृहस्थ जीवन के लिए पूर्व तैयारी आवश्यक
पाश्चात्य देशों में विवाह के पूर्व ही युवक- युवतियों को यौन
विषयक जानकारी दी जानी आवश्यक समझी जाती है ।। हमारे यहाँ
इस विषय को गोपनीय मानकर बच्चों को नहीं बताया जाता ।। यह
कहना कि बच्चों के वयस्क होते- होते उन्हें यौन विषयक जानकारी
दे देनी आवश्यक होती है ।। उचित मानें भी तो भी यह मत एकांगी ही
ठहरता है ।। यौन विषयक जानकारी युवक- युवतियों के लिए उतनी
आवश्यक नहीं है जितनी कि उन्हें विवाह के पूर्व वैवाहिक दायित्वों,
विवाह की महत्ता और उसकी सफलता के तथ्यों का ज्ञान कराना
आवश्यक है ।। इनका समुचित ज्ञान न होने के कारण या तो वे
विवाहोत्तर जीवन की ऐसी काल्पनिक तस्वीर अपने मन- मस्तिष्क
में लेकर चलते हैं कि जीवन के नग्न यथार्थ तो टकरा कर जब
वह टूटती है तो है स्वयं भी बहुत कुछ टूट जाते हैं। ऐसी काल्पनिक
तस्वीर दे न भी बनाएँ तो भी है शारीरिक व मानसिक तोर से उन
बातों के लिए तैयार नहीं रह पाते जो उनके सामने आती हैं ।। विवाह
जैसे महत्वपूर्ण दायित्व और व्यवस्था का न स्वयं पूरा लाभ उठा
सकते हैं न समाज को और परिवार को ही उसका लाम है