पाँच प्राण-पाँच देव

क्या हम उतने ही हैं- जितना स्थूल शरीर प्रथम महायुद्ध के समय 'डॉन और बॉब' नामक दो अमेरिकी सैनिक युद्ध के मोर्चे पर एक साथ ही घायल हो गये । वे दोनों गहरे मित्र भी थे । 'डॉन' तो तुरंत मर गया किन्तु 'बॉब' उपचार से ठीक हो गया । पर स्वस्थ होने पर 'बॉब' के स्वभाव में भारी परिवर्तन देखा गया । वह अपने मित्र डॉन जैसा व्यवहार करने लगा । स्वयं को डॉन कहता । युद्ध समाप्त होने पर वह घर के लिए रवाना हुआ किन्तु अपने घर न जाकर 'डॉन' के घर जा पहुँचा । वहाँ डॉन के माता पिता से मिलकर उतना ही प्रसन्न हुआ जैसा 'डॉन' होता था । आचरण और व्यवहार में डॉन से पूर्ण समानता होने पर भी 'बॉब' का शरीर तो पूर्ववत् ही था । 'डॉन' के माता-पिता ने 'बॉब' को अपना पुत्र मानने से इनकार कर दिया । इस पर बॉब रूपी डॉन' को विशेष दुःख हुआ । उसने डॉन के माता पिता को अतीत से संबंधित ऐसी-ऐसी प्रामाणिक घटनाएँ बतायीं जो उन्हीं से संबंधित थी । उस पर उसको विश्वास हो गया कि रूप की भिन्नता होते हुए भी उसके सारे क्रियाकलाप डॉन' जैसे है तथा डॉन की आत्मा बॉब

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