मनुष्य महान है और उससे भी महान है उसका भगवान
सच कहा जाए तो इस संसार मे दो वस्तु बड़ी अद्भुत और महत्त्वपूर्ण है ।। एक हमारा परमेश्वर और एक हम स्वयं। इन दो से बढ़कर और कुछ आश्चर्यजनक और सामर्थ्य संपन्न तत्व इस दुनियाँ में हमारे लिए हो ही नहीं सकते।यदि अपनी महिमा और क्षमता को समझ लिया जाए और उसका बुद्धिमत्ता एवं व्यवस्था के साथ उपयोग किया जाए तो उसका परिणाम इतना बड़ा हो सकता है कि संसार के साथ ही हम स्वयं उसे देखकर दंग रह जाएँ।मनुष्य देखने में जितना तुच्छ और हेय लगता है ,वस्तुत:वैसा है नहीं।उसकी संभावनाएँ अनंत है।……….