वशीकरण की सच्ची सिद्धि

मनुष्य जाति बहुत समय से एक ऐसी सिद्धि की कल्पना करती चली आ रही है  वह दूसरों को वश में कर सके । इस दिशा में अब तक बहुत प्रयत्न हुए हैं और अनेक किंवदंतियाँ एवं कथाएँ प्रचलित हुई हैं । कहीं-कहीं इन जनश्रुतियों में इतनी अत्युक्ति होती है कि एक जिज्ञासु के लिए यह निर्णय करना कठिन हो जाता है कि इसमें कितना सत्य है और कितना असत्य |सर्वसाधारण के लिए मंत्र द्वारा किसी को मोहित कर लेने का कोई नियम ईश्वरीय सृष्टि में नहीं है क्योंकि परमात्मा हर मनुष्य की स्वाधीनता को अक्षुण्ण रखना चाहता है । बलात्कार पूर्वक किसी का धन, धर्म और बुद्धि हरण करना पाप है और दंडनीय है । पहले तो ऐसी सिद्धि को प्राप्त करना कठिन है, यदि कोई दुरुपयोग करने के लिए प्राप्त कर ले, तो वह प्रयोक्ता के नाश का ही हेतु प्रमाणित होगी ।एक सर्वसुलभ और सच्चा वशीकरण भी है, जिसे प्रेम के नाम से पुकारते हैं । प्रेम एक तप है । यह तप जिस प्राणी के पक्ष में किया जाता है, उसके प्रसन्न होने और वश में आने में कुछ संदेह नहीं ।


Write Your Comments Here:







Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118