गायत्री उस बुद्धि का नाम है जो अच्छे गुण एवं कल्याणकारी तत्त्वों से भरी होती है । उसकी प्रेरणा से मनुष्य का शरीर और मस्तिष्क ऐसे रास्ते पर चलता है, कि कदम-कदम पर कल्याण के दर्शन होते हैं । हर कदम पर आनंद का संचार होता है । हर क्रिया उसे अधिक पुष्ट, सशक्त और मजबूत बनाती है तथा वह दिनोदिन अधिकाधिक गुण व शक्तिवान बनता जाता है; जबकि दुर्बुद्धि से उपजे विचार और काम हमारी प्राणशक्ति को दिन-प्रतिदिन कम करते जाते हैं । दुर्बुद्धि से इस अमूल्य जीवन को यों ही गँवा रहे व्यक्तियों के लिए गायत्री एक प्रकाश है, एक सच्चा सहारा है, एक आशापूर्ण संदेश है, जो उनकी सद्बुद्धि को जगाकर इस दलदल से उबारता है, उनके प्राणों की रक्षा करता है व जीवन में सुख-शांति एवं आनंद का द्वार खोल देता है ।
इस तरह गायत्री कोई देवी, देवता या कल्पितशक्ति नहीं है, बल्कि परमात्मा की इच्छाशक्ति है, जो मनुष्य में सद्बुद्धि के रूप में प्रकट होकर उसके जीवन को सार्थक एवं सफल बनाती है ।