आरंग (रायपुर) में बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, बस्तर, रायगढ़, कालाहंडी जिलों की समस्त शाखाओं ने मिलकर छत्तीसगढ़ प्रदेश की प्राँतीय शाखा का निर्माण किया और ता. 1 जनवरी से 5 जनवरी तक अपने ब्रह्मास्त्र अनुष्ठान की पूर्णाहुति 25 हवन कुण्डों के यज्ञ में की। श्री गुरुदेव श्रीराम शर्मा आचार्य जी की अध्यक्षता में 2 लाख 55 हजार आहुतियों का महायज्ञ बड़े समारोह से सम्पन्न किया गया। प्रथम दिन श्री गुरुदेव ने यज्ञशाला का उद्घाटन कर अनेक उपासकों का यज्ञोपवीत संस्कार कराया। दूसरे दिन यज्ञ के साथ शाखा सम्मेलन, महिला सम्मेलन, साँस्कृतिक सम्मेलन एवं प्रीतिभोज हुए। श्री गुरुदेव का कस्बे में जुलूस निकाला गया, जहाँ गायत्री सदस्यों ने उनका धूमधाम से स्वागत किया। यज्ञ के अवसर पर स्वामी प्रेमानन्दजी के प्रवचन बराबर होते रहे। पूर्णाहुति के दिन महायज्ञ के संयोजक श्री विद्याप्रसाद मिश्र ने आगामी छः मास में अपने प्राँत में 108 शाखा बना लेने और मथुरा के महायज्ञ में अपना अलग “छत्तीसगढ़ प्राँतीय नगर” बसाने का संकल्प किया है।
गुदनवारा (टीकमगढ़) में दिगौड़ा गायत्री शाखा के मन्त्री श्री बैजनाथप्रसाद सोनकिया एवं बहादुर सिंह क्षत्री पधारे और एक सार्वजनिक सभा की और शाखा की स्थापना की। इसके मन्त्री श्री दोधा सिंह जी बनाये गये। -गुलाबसिंह सोलंकी ढ़ेलवा लबा डोंगरी (पो. झलप जि. रायपुर) में ता. 31 जनवरी से 4 फरवरी तक 21 हवन कुण्डों में सीतेश्वरी गायत्री यज्ञ का आयोजन किया गया है।
-श्री भीष्मपितामह ब्रह्मचारी व
श्री ताराचन्द्र गायत्री प्रचारक।
मंसूरपुर मिल (मुसफरनगर) गायत्री शाखा की तरफ से घासीपुरा में श्री खचेड़ूसिंह चौधरी के यहाँ सवा लाख जप व 12॥ हजार आहुतियों का यज्ञ किया गया। ता. 6 फरवरी को घासीपुरे में ही काले सिंह के यहाँ सवा लाख जप व 15 हजार आहुतियों का यज्ञ होने वाला है।
-बनारसीदत्त शर्मा
अमृता खास (पीलीभीत) में 12 जनवरी को जिले के समस्त गायत्री परिवारों की मीटिंग हुई जिसमें जिले की कार्य कारिणी कमेटी का चुनाव किया गया। श्री गणेश प्रसाद सभापति, श्री केशवदत्त उप सभा., श्री लक्ष्मणसिंह मनराल मन्त्री, श्री सोहन लाल ‘सेवक’ उप मन्त्री, श्री पंच्चमलाल प्रचार मन्त्री और श्री ईश्वरी प्रसाद हितैषी कोषाध्यक्ष चुने गये। जिले में जोर-शोर से मथुरा के महायज्ञ का प्रचार करने की व्यवस्था की गई है।
-मन्त्री, गायत्री परिवार
विलासपुर (म. प्र.) में मकर संक्रांति पर 1500 आहुतियों का हवन मन्त्री श्री महाजनजी के यहाँ हुआ। प्रसाद व हवन में तिल का विशेष भाग रहा जो कि इस पर्व पर महात्म्य की वस्तु माना जाता है।
-शाखा मन्त्री
भैरोंपुर (होशंगाबाद) में रामीबाई पालीवाल ने गायत्री चालीसा के 2592 पाठ किये और इतनी ही आहुतियों का हवन कराया गया। भगवती देवी ने 24 हजार गायत्री जप का लघु अनुष्ठान किया व हवन कराया। 2400 मन्त्र लेखन भी किया।
-भोजराज शर्मा पालीवाल