युग निर्माण अभियान के अन्तर्गत युवाओं की गतिविधियां इन दिनों काफी तेजी से उभर रही हैं । युगऋषि की जन्म शताब्दी पर लाखों की संख्या में आदर्शजिष्ठ, राष्ट्र और मनुष्यता की शान बढाने वाले युवाओं को युग देवता के श्रीचरणों में समर्पित करते का उत्साह भी जाग रहा है। यह बहुत ही शुभ संकेत है । इस दिशा में कार्य कर रहे सभी युवा तथा उनके प्रौढ़ मित्र इसके लिए साधुवाद के पात्र हैं। फिर भी यह शुरुआत भर है, अभी निर्धारित लक्ष्य तक पहुँचने के लिए बहुत सतर्कता तथा सक्रियत जरुरी है । स्पष्ट दृष्टि और सुनिश्चित कार्य योजना इसके लिए बहुत जरुरी है । युगऋषि की एक महत्वपूर्ण उक्ति है कि क्या करना है, इसके समझने के साथ यह भी समझो कि जो करना हैं, उसे अंजाम देने के लिए अपने व्यक्तित्व को कैसा बनाना जरूरी है । यदि इस सत्य को स्वीकार करके तदनुसार तैयारी नहीं की गई, तो चाहते हुए भी कुछ उल्लेखनीय कार्य कर पाना सम्भव नहीं होगा । इसलिए युवा वर्ग के लिए यह जरूरी है, उनके सामने स्पष्ट जीवनोद्देश्य हो और उसके लिए उपयुक्त-समर्थ व्यक्तित्व विकास की साधना तत्परतापूर्वक करें ।