युग निर्माण क्या संभव है ?

युग निर्माण के प्रति आज सर्वत्र शंका का वातावरण है । लोग इस बात पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि परमपूज्य गुरुदेव का युग निर्माण का सपना कैसे साकार हो सकेगा ? पर वे यह भूल जाते हैं कि गुरुदेव ने इसका सूत्र भी निर्धारित कर दिया था । वह सूत्र है 'युग निर्माण कैसे होगा, व्यक्ति के निर्माण से ।' हम व्यक्ति निर्माण की मूल बात को भूलकर दूसरों को सुधारने की बात अधिक करते हैं । इससे सर्वत्र दुख का ही वातावरण बनता है । इसी प्रकार विभीषण ने भी रामचंद जी के समक्ष अपनी शंका प्रस्तुत की थी कि वे रावण को परास्त करके 'निश्चर हीन करो महि' का अपना संकल्प कैसे पूरा करेंगे जबकि उनके पास कोई साधन नही हई । भगवान राम ने विभीषण को आश्वस्त किया था कि उनके पास उत्तम चरित्र और सुदृढ व्यक्तित्व की जो शक्ति है वह संसार की सभी विपत्तियों का सामना करने में सक्षम है । व्यक्ति निर्माण के जो २४ आधार उन्होंने बताए थे उनका सरल वर्णन इस पुस्तक में है । परमपूज्य गुरुदेव वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं० श्रीराम शर्मा आचार्य ने मानव जीवन को उत्कृष्ट बनाने के उद्देश्य से विपुल साहित्य की रचना की थी । उसी में से कुछ अंश इस पुस्तक में संकलित किए गए हैं । इसका स्वाध्याय करके और इन बिंदुओं पर चिंतन मनन करके आप भी अपना जीवन सुधार सकते हैं तथा युग निर्माण की संभावना को साकार कर सकते हैं ।

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