पितरों को श्रद्धा दें, वे शक्ति देंगे


दहयमानस्य प्रेतस्य स्वजनैर्यैजलांजलिः । दीयते प्रीतरूपोsसौ प्रेतो याति यमालयम् । । (गरुड पुराण, प्रेत कल्प २४/१२)अर्थात दाह किये गये पितरों के स्वजन उसे जो भावनापूर्णजलांजलि देते हैं, उससे उन्हें आत्मिक शांति मिलती और प्रसन्न होकर उच्चस्थ लोकों को गमन करते हैं ।मरने के बाद क्या होता है ? इस प्रश्न के उत्तर में विभिन्न धर्मो में विभिन्न प्रकार की मान्यताएँ हैं । हिंदू धर्मशास्त्रों में भी कितनेही प्रकार से परलोक की स्थिति और वहाँ आत्माओं के निवास का वर्णन किया है । इन मत भिन्नताओं के कारण सामान्य मनुष्य का चित्त भ्रम में पडता है कि इन परस्पर विरोधी प्रतिपादनो में क्या सत्य है क्या असत्य ?इतने पर भी एक तथ्य नितांत सत्य है कि मरने के बाद भी जीवात्मा का आस्तित्व समाप्त नहीं हो जाता, वरन् वह किसी न किसी रूप में बना ही रहता है । मरने के बाद पुनर्जन्म के अनेकों प्रमाण इस आधार पर बने रहते हैं कि कितने ही बच्चे अपने पूर्वजन्म के स्थानों, संबंधियों और घटनाक्रमों का ऐसा परिचय देते है, जिन्हें यथार्थता की कसौटी में कसने पर वह विवरण सत्य ही सिद्ध होता है ।

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