गीत माला भाग ४

भारत विशाल जनसंख्या वाला देश है ।। क्षेत्रों की आवश्यकता को देखते हुए युगसंगीत की टोलियों की संख्या बढ़ाना जरुरी हो गया है ।। क्षेत्र में पूर्णकालीन न सही थोड़ा- थोड़ा समय दे सकने वाले संगीतज्ञ ऐसी पर्याप्त संख्या में तैयार हो रहे हैं ।। यह गीत संजीवनी संगीत संग्रह ऐसे ही युग संगीतज्ञों को सहयोग देने की दृष्टि से तैयार की गई है ।। गीत संजीवनी में वे संगीत, भजन आदि शामिल किए गये हैं, जो जनता के बीच बहुत प्रभावशाली सिद्ध हुए हैं ।। इनमें वन्दना, भजन, राष्ट्र जागरण, व्यसनमुक्ति, कुरीति उन्मूलन, सत्प्रवृति संवर्धन, नारी जागरण, साधना, शिक्षा, स्वावलम्बन आदि विविध आंदोलनों से संबधित गीत हैं ।। क्षेत्रीय युग संगीत की टोलियाँ इनका उपयोग विवेक- पूर्वक करें तो किसी भी प्रकार के जन समूह में युग विचारों का संचार सहज एवं सरस ढंग से किया जा सकता है। यदि थोड़ा सा अध्ययन करके, इनके साथ बीच में संक्षिप्त सार्थक टिप्पणियों का अभ्यास किया जा सके फिर तो कहना की क्या है? इस प्रकार भजनोपदेश जैसी शैली के आधार पर छोटी- छोटी संगीत टोलियाँ बडे़- बडे़ उपदेशकों से अधिक प्रभाव फैला सकती है ।। आशा की जाती है कि युगक्रांति के लिए युग संगीत की विधा का प्रयोग करने वाले लोकसेवी गीत संजीवनी पुस्तिका का भरपूर लाभ उठायेंगे इस छोटे से प्रयास को सार्थक बनायेंगे ।।

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