लेना कभी मत दहेज
लेना कभी मत दहेज, दहेज मेरी बहनों॥
जितना भी मिलता जायेगा, लोभ और भी मुँह फैलायेगा।
करना इससे परहेज, परहेज मेरी बहनों॥
लोभ ही तो बहू जलाते, उसे अनेकों भाँति सताते।
यह तो है काँटों की सेज, सेज मेरी बहनों॥
लड़की को शिक्षित करवाओ, उसका ज्ञान विवेक बढ़ाओ।
आने दो विद्या का तेज, तेज मेरी बहनों॥
यह देहज है सबसे अच्छा, जीवन भर का साथी सच्चा।
कन्या के संग यही भेजो, भेजो मेरी बहनों॥
बेटी की गरिमा पहचानो, सद्गुण को दहेज शुभ मानों।
रखो इसी को सहेज, सहेज मेरी बहनों॥