लो संकल्प करो निर्माण की
लो संकल्प करो निर्माण की, धूम मचा दो गली- गली।
श्रीराम के हीरे मोती, हम बिखरायें गली- गली॥
ले लो रे कोई राम का प्यारा, शोर मचायें गली- गली॥
दौलत के दीवानों सुनलो, एक दिन ऐसा आयेगा।
धन दौलत और माल खजाना, यहीं पड़ा रह जायेग।
सुन्दर काया माटी होगी, चर्चा होगी गली- गली॥
श्रीराम के मोती पाये, वे तो माला माल हुए।
दौलत के जो बने पुजारी, आखिर वे कंगाल हुए।
सोने चाँदी वालों सुनलो, फिर मुरझाये कली- कली॥
श्रीराम के हीरे मोती, शांतिकुंज में मिलते हैं।
माता जी के दर्शन से तो, सभी धन्य हो जाते हैं।
सुन लो भाई सुनलों बहनों, बात कहूँ मैं भली- भली॥
क्यों कहता है मेरा- मेरा, छोड़ दे इस अभिमान को।
छोड़ दे बन्दे झूठे धंधे, देख जरा उस भगवान को।
कंचन काया जल एक दिन, धुल उड़ेगी गली- गली॥