यज्ञोपवीत और शिखा हिन्दू भारतीय संस्कृति के दो प्रतीक हैं। इन्हें भारतीय संस्कृति की जननी गायत्री की मूर्तिमान प्रतिमा तथा धर्मध्वजा भी कहा जा सकता है। यज्ञोपवीत को गायत्री की मूर्ति—एक प्रतिमा कहना चाहिए और देवी-देवता तो ऐसे हों जिनका प्रतिमा दर्शन कहीं भी और कभी भी किया जा सकता पर गायत्री को भारतीय धर्मानुयायी के जीवन में इतना महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है कि उससे प्रतिमा को हर घड़ी छाती से लगाये रखने, हृदय पर धारण किये रहना आवश्यक है। इसका अर्थ है कि गायत्री की ऋतंभरा प्रज्ञा को अपने जीवन, कर्म, व्यक्तित्व की अधिष्ठात्री घोषित करना।