पदार्थ क्या है ?संसार क्या है? इन प्रश्नों का उत्तर इन्द्रिय अनुभूति मात्र से नही दिया जा सकता ,शरीर पंच तत्वों से बना हुआ है इस उपकरण के सहारे पदार्थ का दृश्य रूप ही परिलक्षित होता है ,किन्तु सब इतना ही तो नही है | उसके अंतराल में भी बहुत कुछ है |उसे ज्ञान से ही जाना जा सकता है | अदृश्य को देखने वाले उपकरण भी ज्ञान के आधार पर ही बनते है और उनसे जो सूचनाएं मिलती हैं |उनसे कुछ निष्कर्ष निकल सकना ज्ञान के आधार पर ही संभव होता हैं | मनुष्य की शक्ल एवम शारीरिक संरचना ही सब कुछ नही है | मुख्य वस्तु है उसका व्यक्तित्व और उसके जानने , परखने के लिए आँखे पर्याप्त नही,उसे ज्ञान के आधार पर जना जा सकता है |पदार्थ के गर्भ में जो आणविक हलचले होती हैं उन्हें इन्द्रियों ने प्रत्यक्ष दृश्य के रूप में नही देखा | ज्ञान च्क्सुओ से उसकी स्स्थिति का अनुमान लगाया और पीछे उसे प्रमाणित करने के साधनों का निर्माण कर सकना ज्ञान के आधार पर ही संभव हुआ |