प्रेरणा- दीपयज्ञ के इस आध्यात्मिक प्रयोग से जो प्रेरणा और अनुदान प्राप्त हुए हैं, वे स्थिर हों, फलित हों, सभी तरह के पापों का शमन हो, सभी को शान्ति प्राप्त हो। इस भावना के साथ शान्ति पाठ करें।
जिन्हें मंत्र याद है, वे सभी हमारे साथ-साथ शान्ति पाठ करें।
(कार्यकर्त्तागण कलश का जल लेकर सब पर सिंचन करें।)
ॐ द्यौः शान्तिरन्तरिक्ष शान्तिः, पृथिवी शान्तिरापः, शान्तिरोषधयः शान्तिः ।
वनस्पतयः शान्तिर्विश्वेदेवाः, शान्तिर्ब्रह्म शान्तिः, सर्व शान्तिः, शन्तिरेव शान्तिः, सा मा शान्तिरेधि ।।
ॐ शांन्तिः ! शान्तिः !! शान्तिः !!!
सर्वारिष्टसुशान्तिर्भवतु ।।