हममें से अधिकांश इतिहास पढ़ते है परन्तु कुछ लोग होते है जो इतिहास गढ़ते है। ऐसा भी नहीं है कि इतिहास गढ़ने वाले ये सभी महावीर साधन सम्पन्न होते हों। इनमे से कितने ही असुविधाओं में ही पलते है और आगे बढ़ते है। संकल्प के धनी इन इतिहास पुरुषो के समक्ष सुविधाहीनता अपने घुटने टेक देती है और ये अपने लक्ष्य तक पँहुचकर ही दम लेते है। महर्षि अगस्त्य ने देखा कि भारत के उत्तर और दक्षिण को जोड़ने में विध्यांचल सबसे बड़ी बढ़ा है।