स्फूर्ति और मस्ती से भरा बुढ़ापा

मनुष्य का दीर्घजीवी होना संभव आदमी की उम्र कितनी हो सकती है या कितनी होनी चाहिए इस प्रश्न का मोटा सा उत्तर यही हो सकता है कि जितने समय में प्राणी की हड्डियाँ परिपक्व स्थिति तक पहुँचें उससे पाँच गुनी जीवन अवधि होनी चाहिए । मनुष्य का अस्थि संस्थान प्राय: २५ वर्ष में पकता है इसका तात्पर्य यह हुआ कि मनुष्य को एक सौ वर्ष जीना चाहिए । यही उसका स्वाभाविक आयुष्य है । घोड़ा ५ वर्ष में युवा होता है और २१ वर्ष जीता है । कुत्ता दो वर्ष में प्रौढ होता है और १० वर्ष जीता है । इसी प्रकार अन्यान्य प्राणियों की स्वाभाविक आप का भी विवरण बनाया जा सकता है । कम उम्र में मर जाने को एक प्रकार की दुर्घटना ही कहा जा सकता है उसे अकाल मृत्यु का नाम भी दिया जा सकता है । दीपक को रात भर जलाने को जितना तेल भरा हो किंतु उसके पैंदे में छेद हो जाए तो वह पूरी रात जलने के स्थान पर कुछ ही मिनटों में बुझ सकता है । जीवन के संबंध में भी यही बात है । वह टूट तो बाहरी प्रहारों से भी सकता है किंतु अधिकांश के बारे यह नहीं कहा जा सकता । वे उपेक्षा करके प्राकृतिक नियमों की अवहेलना करने में विद्रूप होकर अकाल मृत्यु का कारण बनते हैं । अन्य प्राणियों की तुलना में मनुष्य ही अधिक अकाल मृत्यु मरता है । गर्भाधान से लेकर प्रसव प्रयंत किसी वर्ग के प्राणी यौनाचार नही

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