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युग निर्माण योजना
गायत्री तपोभूमि, मथुरा ३
समाज का निर्माण व्यक्तियों से होता है और व्यक्तियों को उच्चस्तर का बनाने का उत्तरदायित्व परिवार पर रहता है ।। जो व्यक्ति जीवन के आरंभ में ही किसी कारणवश परिवार से बिछुड़ जाता है, वह प्राय: अविकसित रहकर जीवन की दौड़ में पिछड़ जाता है ।। विद्वानों ने परिवार को व्यक्तियों के ढालने वाली प्रयोगशाला बतलाया है ।। वास्तव में प्रयोगशाला की सामग्री और यंत्र जितने उपयुक्त और सही तरीके से काम करने वाले होंगे उतनी ही उसकी उपज निर्दोष और अपने उद्देश्य को पूरा करने वाली सिद्ध होगी ।। इसलिए यदि समाज को समुन्नत और शक्तिशाली बनाना हो तो परिवारों को सुधारना और उन्हें सुसंगठित रूप देना भी आवश्यक है ।। तभी वे ऐसे व्यक्तियों को उत्पन्न कर सकेंगे जो समाजोत्थान के लिए सब प्रकार से हितकारी सिद्ध हों ।। ..