भोजन के समय दाल, शाक आदि में मिलाए जाने वाले मसालों मे से अधिकांश ऐसे होते हैं जिनमें किसी न किसी रोग के निवारण की क्षमता भी है । कई मसालों को एक साथ मिला देने पर उनसे रुचिकर स्वाद बनता है पर औषधि की दृष्टि से उस सम्मिश्रण का प्रभाव गुणहीन हो जाता है । ऐसी स्थिति में वह औषधि के स्थान पर प्रयोग करने योग्य भी नही रह जाते ।
मसालों को सामान्यतया स्वादवर्धक एवं पाचक माना जाता है । उनका आम प्रयोग-प्रचलन इसी रूप में है, पर उन्हें निरापद घरेलू चिकित्सा के रूप में भी प्रयुक्त किया जा सकता है ।
अच्छा हो अपने घर-आँगन में या जहाँ भी उपयुक्त जगह हो एक-दो क्यारी मसालों, औषधियों को बो लिया जाए । वे हर ऋतु में बने रह सकते हैं । खाद-पानी, धूप-हवा का ध्यान रखा जाए, तो मसालों को हर मौसम में उपजाया जा सकता है । कुछ महीने सभी हरीतिमाओ के लिए अनुकूल पड़ते हैं और कुछ सामान्य । यह स्थानीय भूमि एवं वातावरण पर भी बहुत कुछ निर्भर है । इसकी जानकारी पास-पड़ौस वालों अथवा सब्जी उगाने वालों से पूछ कर एकत्रित कर लेनी चाहिए । अधिक मात्रा में उगाने और अच्छी फसल लेने के लिए यह