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Akhand Jyoti
Year 1990
Version 2
सद्वाक्य
सद्वाक्य
February 1990
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झाड़ू से घर बुहारा जाता है और प्राश्चित से पापों कि निवृत्ति होती है।
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Page Titles
इस उन्माद को कोई रोकता क्यों नहीं?
सद्वाक्य
युगधर्म का परिपालन अनिवार्य
चापलूसी में फँसना बड़ी मूर्खता (कहानी)
यदि दूर हो जाए बेहोशी तो
माया का स्वरुप (कहानी)
अनौचित्य को उलटने को तत्पर दैवी चेतना
काली का साक्षात्कार (कहानी)
संतानें, जो इतिहास में अमर हो गईं
दाता और याचक (कहानी)
प्रवाह को मोड़ने-मरोड़ने की आवश्यकता
चढ़ते रहना (कहानी)
जाग्रत संकल्पशक्ति— एक विभूति
सद्वाक्य
लोकसेवी, सृजनशिल्पी ऐसे हों
संघर्षपरायण योद्धा (कहानी)
सतयुग की वापसी का राजमार्ग
मानव जीवन का महत्त्व (कहानी)
परिमार्जित व्यक्तित्व बनाम साधन सिद्धि
भले-बुरे के अनुमान (कहानी)
स्नेह की स्याही, सद्गुणों की इबादत
मनुष्य के दिल में छिपकर बैठ जाइए (कहानी)
भटकाव से उबरने का सही मार्ग
जीवन सब प्रकार से सफल (कहानी)
दक्षिण के विनोबा कुट्टी जी
महानता की पहली शर्त—“सादगी”
श्रम का सम्मान (कहानी)
युगसंधि का मध्यांतर— उसकी रूपरेखा
सच्ची श्रद्धा गिनती नहीं, इष्ट के साथ विसर्जन माँगती है (कहानी)
मालिकी इसी आधार पर निभती है
मानवी पुरुषार्थ का पूरक दैवी अवलंबन है (कहानी)
पूर्ण सत्य तक पहुँचने का एक ही मार्ग अध्यात्म
जागरूकता और तत्परता सफलता की अनन्य सहायिका (कहानी)
परिवर्तन होकर रहेगा
श्रम ही पर्याप्त नहीं (कहानी)
जब फूट पड़ी अंतः की गंगोत्री
गतिविधियों के संकेत (कहानी)
तीसरा संस्करण
समझ का महत्त्व (कहानी)
महामानवों की टकसाल ऐसे बनेंगी
सद्वाक्य
संगठन की प्रखर परिणतियाँ
अनुशासन की शिक्षा (कहानी)
महाकाल की पुकार
भ्रम का नशा (कहानी)
मधु संचय (कविता)
भाव-संवेदना ही एकमात्र विकल्प
भविष्य में सर्वत्र अच्छाइयाँ (कहानी)
सच्चा समर्पण पति एवं समाज के प्रति
आदर्श का शुभारंभ स्वयं से
अधिकार के लिए आतुर (कहानी)
चेतना की परतें व उनका रहस्योद्घाटन
परमात्मा को समझने का अवसर (कहानी)
आह्वान— मनु की संतानों से
कणाद ऋषि (कहानी)
नारी जाग्रति का स्वरूप एवं आदर्श
अल्प आयुष्य में ही उन्नति (कहानी)
शिक्षा का नहीं, विद्या का सागर
संत दादू (कहानी)
उपयुक्त आहार— जीवंत आहार
सुयोग-सौभाग्य को चूकें नहीं
समर्पणभाव (कहानी)
विद्या के उपासक— आचार्यों के भी महाचार्य
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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