सत् को समझें सत् को पकड़ें

June 1980

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द्यड्डस्रंक ,शड्ड द्धशफ्भ्द्द ष्द्मठ्ठब्द्मह्यड्ड स्रद्ध ह्द्भद्द क्द्मह्ह्य क्द्मस्द्भ श्चब्ह्य ह्लद्मह्ह्य द्दस्ड्ड्न शस्॥द्मश स्रद्म ॥द्मद्ध स्रद्मह्यर्ड्ढं द्धक्चस्रद्मह्वद्म ह्वद्दद्धड्ड शद्द द्दड्डद्यद्मह्यरु+द्मह्यड्ड स्रद्ध ह्द्भद्द क्द्मड्ड[द्म द्धद्गश्चद्मस्ह्वद्ध [द्मह्यब्ह्द्म क्द्मस्द्भ क्फ्ख्ड्डक्चद्म द्धठ्ठ[द्मद्मस्रद्भ] ह्लष् श्चद्मद्दह्य ह्ष् ॥द्मद्मफ् [द्मरु+द्म द्दद्मह्यह्द्म द्दस््न [द्मह्नठ्ठ ह्लद्धशह्व द्बभ्शद्मद्द ह्स्र ह्द्मह्य क्द्धरुस्नद्मद्भ द्दस््न ष्ष्ख्ब्ह्य स्रद्ध ह्द्भद्द ह्लद्मह्य क्॥द्मद्ध&क्॥द्मद्ध द्वहृब्ह्द्म&क्तह्नठ्ठस्रह्द्म स्नद्मद्म] शद्द क्द्बह्वद्म क्द्धरुह्क्रश [द्मद्मह्यस्रद्भ ह्व ह्लद्मह्वह्य स्रद्दद्मड्ड श्चब्द्म ह्लद्मह्द्म द्दस््न ह्लद्मह्य ठ्ठद्ध[द्मह्द्म द्दस् शद्द क्/द्मरु+ स्रद्ध ह्द्भद्द द्बभ्शद्मद्द द्गद्म= द्दस््न ब्द्दद्भद्मह्यड्ड स्रद्मह्य द्धफ्ह्वह्वह्य शद्मब्ह्य ष्द्मब्स्र स्रद्ध ह्द्भद्द द्यड्डह्र;द्मढ्ढह् श्चड्डश्चब्ह्द्म स्रद्मह्य क्द्म'र्श्च;श्चद्धस्रह्] द्दह्द्बभ्॥द्म द्दद्मह्यस्रद्भ ठ्ठह्य[द्मह्वद्म द्बरु+ह्द्म द्दस््न ;द्दद्मड्ड द्यद्गरुह् फ्ह्नद्धक्रस्नद्म;द्मड्ड क्ह्व द्यह्नब्>द्ध क्द्मस्द्भ द्यद्गरुह् द्बद्दह्यद्धब्;द्मड्ड क्ह्वष्ख्> द्दद्ध ष्ह्वद्ध द्भद्दह्द्ध द्दस्ड्ड्न

ड्ढद्य /;द्मशद्गद्मह्व क्ह्द्धद्भम्द्म द्गह्यड्ड द्यह्नद्धरुस्नद्मद्भ /द्मभ्ह्नशह्द्मद्भद्म ,स्र द्दद्ध द्दस्&/द्मर्द्गं्न /द्मर्द्गं क्स्नद्मर्द्मंह्− स्रक्रह्ह्र;] क्तर्ह्लं] रु−;ख्कद्ध] द्धह्लश्वद्गह्यठ्ठद्मद्भद्ध क्द्मस्द्भ र्ड्ढंद्गद्मह्वठ्ठद्मद्भद्ध स्रद्म द्यद्गह्नक्कश्च;्न श्चंक−कद्मह्व द्यह्य ष्ड्ड/द्मद्ध ह्वद्मश] ह्वठ्ठद्ध स्रह्य द्वक्तद्मह्व द्गह्यड्ड ॥द्मद्ध ;स्नद्मद्म रुस्नद्मद्मह्व [द्मरु+द्ध द्भद्दह्द्ध द्दस््न द्बद्दद्मरु+द्मह्यड्ड स्रद्मह्य क्/द्मरु+ ॥द्मद्ध ह्वद्दद्धड्ड द्धफ्द्भद्म द्बद्मह्ह्य्न द्धह्लद्यह्वह्य क्द्बह्वद्ध द्धह्व"क्चद्म स्रक्रह्ह्र; स्रह्य द्यद्मस्नद्म ष्द्मड्ड/द्मब्द्ध] द्वद्यह्य द्धस्रद्यद्ध [द्मह्द्भह्य द्यह्य द्बद्भद्मद्धह्लह् ह्वद्दद्धड्ड द्दद्मह्यह्वद्म द्बरु+ह्द्म्न /द्मद्भह्द्ध द्यठ्ठर्द्धं क्द्मस्द्भ फ्द्गर्द्धं 'द्मद्मद्धह्द्बर्ख्शंस्र द्यद्दह्द्ध द्दस््न द्धह्व"क्चद्मशद्मह्व द्धह्लठ्ठफ्द्ध ह्व द्यड्डस्रंक स्रह्य द्यद्मद्गह्वह्य >ह्नस्रह्द्ध द्दस् ह्व शस्॥द्मश द्यह्य द्वद्गक्रह् द्दद्मह्यह्द्ध द्दस््न ड्ढद्य र्द्यशंह्र;द्मद्बद्ध क्द्यह् द्गह्यड्ड ,स्र र्ड्ढं'शद्भ द्दद्ध द्यह्− द्दस््न ड्ढद्य द्बभ्शद्मद्द द्गह्यड्ड ,स्र /द्मर्द्गं द्दद्ध द्धरुस्नद्मद्भ द्दस््न ह्लद्मह्य द्यह्− स्रद्मह्य द्बस्ररु+ह्द्म द्दस् क्द्मस्द्भ द्धरुस्नद्मद्भ द्भद्दह्द्म द्दस््न शद्दद्ध ह्लद्धशह्व स्रद्मह्य ,ह्यद्यद्म ह्लद्धह्द्म द्दस्] ह्लस्द्यद्म द्धह्ल;द्म ह्लद्मह्वद्म श्चद्मद्धद्द,्न


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