तुर्की ने कोशूढ़ को कैद कर लिया। जेल में पड़े कोशूढ़ के सामने शर्त रखी गई यदि- आप इस्लाम स्वीकार कर लें तो आपको मुक्त किया जा सकता है।
कोशूढ़ ने विचार किया और हंसकर उत्तर दिया- ‘मृत्यु और लज्जा इन दोनों में से किसे स्वीकार किया जाये आज तक मेरे सामने ऐसी उलझन नहीं पड़ी। मृत्यु जीवन का अनिवार्य भाग है तो फिर उससे डरकर अपना सिर क्यों नीचा करूं।’ जब मेरे पास सब कुछ था तब मैंने अपना धर्म न बदला, आज केवल वही मेरा साथी है तो मैं उसे कैसे छोड़ दूँ? ईश्वर की आज्ञा पूरी करो। मरने के लिये तैयार हूँ, कलंक लगाने के लिए नहीं।