साक्षी देने वाली छाया मूर्ति

July 1943

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प्राचीन काल में उत्तर इंग्लैण्ड की डारहम शायर बस्ती की चेस्टर लीस्टीर पर वाकर नामक एक श्रमजीवी रहता था। धर्मपत्नी के देहावसान के बाद उसका घर सुनसान हो गया पर फिर एक दिन समय ने पटला खाया। एक निराश्रित युवती से इसकी घनिष्ठता बढ़ी और युवती का वाकर के घर आना जाना शुरु हो गया। दोनों के दिन सुखपूर्वक व्यतीत होने लगे। घटनाक्रम आगे बड़ा और युवती ने गर्भ धारण कर लिया।

पुराने समय में इंग्लैण्ड के आशिक्षित लोग भी बड़े दकियानूसी विचारों के होते थे। एक अविवाहित स्त्री का गर्भवती होना विरोध का कारण बना उस समाज में कानाफूसी होने लगी और बाकर की ओर उंगलियाँ उठना आरम्भ हुआ। युवती और विधुर दोनों ही लज्जा का अनुभव करने लगे।

यार्क शार्प नामक एक दूसरा मजदूर जो बाकर का घनिष्ठ मित्र था एक दिन कुछ विशेष मन्त्रणा के लिए आया और घुट घुट कर घंटों बातें करता रहा। दूसरे दिन एक सलाह ठहराई गई कि युवती को एक दूसरे मकान में रखा जायगा और जब उसका प्रसव हो जायगा तो वापिस आ जायगी, शार्प के साथ उसे किसी अज्ञात स्थान के लिए रवाना कर दिया गया। फिर किसी को पता न चला कि वह कहाँ गई और उसका क्या हुआ।

जेम्स ग्राहम, बाकर का ही एक पड़ौसी था उसने आटा पीसने की एक छोटी सी चक्की खोल रखी थी। उस बस्ती में एक ही चक्की होने के कारण काफी अन्न पिसने को आता था और कभी कभी तो उसे रात को भी काम चालू रखना पड़ता था। एक दिन बहुत रात गुजरे उसका काम समाप्त हुआ। तब कहीं घर जाने का अवकाश मिला।

कारखाना बन्द करके हाथ में लालटेन लिये हुए ग्राहम उस कड़ाके की ठंड में घर की ओर तेजी से बढ़ता चला जा रहा था। चारों ओर सन्नाटा था और धीरे-धीरे बर्फ झड़ रही थी, घर उसका दो मील दूर था। इस जन शून्य रास्ते में इतनी रात गये किसी मनुष्य का दर्शन होना कठिन बात थी। ग्राहम ने एक चौमुहाने के पास देखा कि कोई स्त्री सिर के बाल बिखेरे हुए उसकी ओर बढ़ती चली आ रही हैं। ग्राहम ने संदेह निवारणार्थ अपनी लालटेन को जरा तेज किया, तो देखा कि एक साधारण स्त्री है। पर हैं, यह क्या? इसके शिर में तो तीन इतने गहरे गहरे घाव हैं और उनमें से खून की धाराएं बह रही हैं। फिर भी वह चुप है और सामने आकर खड़ी हो गई है। वह इसका कुछ भी कारण न समझ सका।

ग्राहम ने अधिक गंभीर होकर पूछा-”आप कौन हैं? इस समय किस काम से जा रही हैं और मुझ से क्या चाहती हैं?” स्त्री ने अत्यन्त ही दुख भरी कातर वाणी में कहा-ग्राहम! क्या आप मुझे भूल गये? बाकर के मकान में आज से कुछ साल पूर्व एक अभागी युवती रहती थी क्या तुम उसे नहीं पहचानते? वहीं तो मैं हूँ। जब मैं गर्भवती हुई तो अज्ञात स्थान पर रखने के बहाने बाकर ने मुझे शार्प के साथ भेज दिया। मैं निस्संकोच चली गई। रास्ते मैं जब जरा अँधेरा हो गया तो शार्प ने पीछे से मेरे शिर में कोयला खोदने की कुदाली मारी। मैं भूमि पर गिरकर जब तक मर नहीं गई तब तक उसने उसी कुदाली के तीन प्रहार किये। मेरे शिर में यह जो घाव देख रहे हो उन्हीं प्रहारों के हैं। मेरी मृत्यु के बाद शार्प ने अपने खून से सने हुए कपड़े, जूते, मोजे और वह कुदाल इन सबको मेरी लाश के साथ पास वाली कोयले की खान में पटक दिया। अब मेरा प्रेत शरीर आपके सामने खड़ा हुआ है। मैं रोष और प्रतिहिंसा की ज्वाला से जल रही हूँ। तुम्हारे अन्दर आध्यात्मिक चुम्बकत्व देख कर मुझे प्रकट होने में सुगमता हुई। मैं अब एक बात चाहती हूँ कि तुम सारा वर्णन किसी राज्याधिकारी से करके उन दुष्ट दुराचारियों को दंड दिलाने का प्रयत्न करो। इतना कहकर वह छाया अदृश्य हो गई।

ग्राहम बड़े असमंजस में पड़े, उन्हें विश्वास न हुआ कि मैंने यह वास्तविक घटना देखी है या स्वप्न। वह डरता काँपता अपने घर पहुँचा और सारी रात इसी के सोच विचार में पड़ा रहा। दूसरे दिन उसने किसी को सूचना न पहुँचाई तो तीसरे दिन फिर वही छाया मूर्ति उसी विकराल वेष में फिर प्रकट हुई और कर्कश स्वर में इतना कह कर अन्तर्ध्यान हो गई कि -”क्यों तुम मेरी सूचना न पहुंचाओगे?”

ग्राहम से अब न रहा गया वे सीधे पास की अदालत में पहुँचे और सारी घटना का वर्णन कर दिया। पुलिस को तथाकथित स्थान पर भेजा गया तो कोयले की खान में वे सभी वस्तुएं पाई गईं जिनका वर्णन ग्राहम ने किया।

अदालत की आज्ञानुसार बाकर और शार्प पकड़े गये उन पर मुकदमा चला तो वही छाया मूर्ति जजों के सम्मुख साक्षी देने आई। डारहम की रौशन जज और जूरियों का फैसला सुनने के लिए हजारों दर्शक न्यायालय में उपस्थित थे। जब अपराध और अपराधियों के सम्बन्ध में पूरा-पूरा विश्वास कर लिया गया तो न्यायाधीशों ने उन क्रूर कर्ताओं को यथेष्ट दंड देकर अपने कर्तव्य का पालन किया।

सार्जेन्ट हाटन नामक व्यक्ति के पास उपरोक्त जज का एक पत्र पाया गया है जिसमें इस सारी घटना का वर्णन है। उस पत्र के आधार पर इसकी सच्चाई में अविश्वास करने की गुंजाइश नहीं रहती।


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